दीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण योजना मुख्यतः कौशल प्रशिक्षण और नियुक्ति कार्यक्रम है, या मुख्यता  विकास मंत्रालय एम ओ आर डी कि एक बहुमुखी योजना है। इस योजना के अंतर्गत ग्रामीण के गरीब युवाओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें प्रशिक्षित करके स्थाई रोजगार की   प्राप्ति एवं कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रम में सहायता प्रदान करती है। देश में बढ़ती बेरोजगारी और ग्रामीण क्षेत्र में रोजगार सिर्जन करने के उद्देश से इस योजना का सुभरम्भ हुआ है।

योजनादीन दयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल्य योजना
मंत्रालयग्रामीण विकास मंत्रालय , भारत सरकार
लाभार्थीग्रामीण बेरोजगार युवा ( भारतीय )
शुभारंभ 25 दिसंबर 2014
वेबसाइटwww.ddugky.gov.in

 दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना की मुख्य विशेषताएं

  1. युवाओं को प्रशिक्षण से कैरियर की  प्रगति एवं प्राप्ति पर जरूर देना। प्रशिक्षण प्राप्त युवाओं को विदेश में नियुक्ति के लिए प्रोत्साहन प्रदान करना।
  2.  गरीबी रेखा के नीचे एवं गरीब हाशिए पर रह रहे लोगों को लाभ प्राप्त करने में सक्षम बनाना एवं गरीब को बिना किसी शुल्क के कौशल प्रशिक्षण प्रदान करना।
  3.  सामाजिक रूप से वंचित समूह अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति 50  प्रतिशत अल्पसंख्यक 15% महिलाएं 33% को अनिवार्य कवरेज समावेशी कार्यक्रम में रखा गया है।
  4.  नियुक्त उम्मीदवार के लिए आवश्यक समर्थन अथवा नियुक्ति के बाद भी समर्थन प्रवासन समर्थन और पूर्व छात्रों के साथ तालमेल बनाए  रखना
  5. क्षेत्रीय विकास को ध्यान में रखते हुए जम्मू-कश्मीर हिमायत उत्तर पूर्वी क्षेत्र और 27 वामपंथी चरमपंथी जिलों में गरीब ग्रामीण युवाओं के लिए इस योजना से जोड़ने का लक्ष्य
  6.  क्लासमेंट साझेदारी बनाने के लिए कम से कम 75% प्रशिक्षित उम्मीदवारों के लिए गारंटीड प्लेसमेंट की घोषणा।
दीन दयाल

फायदे

डी डी यू जी के वाई के तहत कौशल और नियुक्ति में आठ अलग-अलग चरण शामिल है।

  1. इस कार्य क्षेत्र में रुचि रखने वाले ग्रामीण युवाओं को संगठित करना। 
  2. अवसरों को लेकर युवा समुदाय के भीतर जागरूकता निर्माण करना
  3.  ऐसे ग्रामीण युवाओं की पहचान करना जो कि गरीब है
  4.  योग्यता के आधार पर चयन करना एवं रोजगार क्षमता को बढ़ावा देने वाले उद्योग से जुड़े कौशल और दृष्टिकोण के बारे में युवाओं को जानकारी देना
  5.  युवाओं और अभिभावकों की काउंसलिंग
  6.  ऐसी नौकरियां प्रदान करना जो कि आसान माध्यमों से स्थापित किया जा सके जो कम से कम लोगों की मदद से शुरू हो सके ऐसे रोजगार को लोगों तक पहुंचाना
  7.  नियुक्ति के बाद स्थिरता के लिए नियोजित व्यक्ति की सहायता प्रदान करते रहना

पात्रता

 ग्रामीण युवा जो गरीबी रेखा पर जी रहे हैं या गरीबी रेखा से नीचे अपना जीवन यापन कर रहे हैं

दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के लिए लक्षित समूह 15 से 35 आयु वर्ग के ग्रामीण युवाओं को लाभान्वित करना है। हालांकि इस योजना के तहत महिला उम्मीदवार और विशेष रूप से कमजोर जनजाति समूह दिव्यांग व्यक्तियों या शारीरिक रूप से अक्षम ट्रांसजेंडर और अन्य समूह जैसे पुनर्वास बंधु मजदूरी तस्करी के शिकार हाथ से मैला ढोने वाले ट्रांसजेंडर एचआईवी पॉजिटिव व्यक्तियों आदि से संबंधित उम्मीदवारों के लिए ऊपरी आयु सीमा आयु 45 वर्ष रहेगी।

 गरीबी भागीदारी यों की पहचान बीआईपी नामक प्रक्रिया द्वारा की जाएगी जो एन आर एल एम रणनीति का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। इस में गरीबी रेखा से नीचे बीपीएल परिवारों की मौजूदा सूची के अलावा मनरेगा श्रमिक परिवारों के युवाओं को पिछले वित्तीय वर्ष में कम से कम 15 दिनों के काम के साथ अपने परिवार के किसी भी परिवार द्वारा या सदस्य द्वारा आरएसबीवाई कार्ड वाले परिवार की युवाओं जिनका विवरण कार्ड में दिया गया हो या जारी किया गया हो  ऐसे युवा या अंत्योदय अन्ना स्कीम के जरिए पहचान की जाएगी।

 इस योजना के लिए बी पी एल डी एस कार्ड या ऐसे परिवार के युवा जहां परिवार का सदस्य एन आर एल एम के तहत एच एच जी का सदस्य है यह एसईसीसी 2011 के अनुसार ऑटो समावेशन मानकों के तहत कवर किए गए परिवार के युवा भी इस कौशल विकास कार्यक्रम का लाभ उठा सकेंगे भले ही ऐसे युवा बीपीएल सूची में हो या ना हो युवाओं को भी इस योजना के अंतर्गत लिया जाएगा।

अनुसूचित जाति अनुसूचित जनजाति  अल्पसंख्यक और  महिलाएं

 राष्ट्रीय स्तर पर अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति के लिए 50 परसेंट धन अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के अनुपात के साथ समय समय पर एम ओ आर डी द्वारा तय किया  जाएगा। अल्पसंख्यक समूह के लिए 15 परसेंट धनराशि अलग रखी जाएगी जबकि राज्य को यह सुनिश्चित करना होगा कि कम से कम तीन परसेंट लाभार्थी दिव्यांग समूह में से हैं। ऊपर दिए गए लाभार्थियों में से एक तिहाई महिलाएं होनी चाहिए युवा निर्धारण केवल न्यूनतम है हालांकि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लक्ष्यों को आपस में बदला जा सकता है यदि दोनों में कोई भी पात्र लाभार्थी नहीं हो तब।

  दिव्यांग लोगों के मामले में अलग से प्रोजेक्ट प्रस्तुत करने होंगे इन योजनाओं की अलग-अलग प्रशिक्षण केंद्र होंगे और प्रत्येक यूनिट की लागत इन लिखित दिशा निर्देश से अलग होगी।

 विशेष  समूह

 शारीरिक रूप से अपंग वाले विशेष समूह के लिए कोई अलग लक्ष्य नहीं है तस्करी के शिकार हाथ से मैला ढोने वाले ट्रांसजेंडर पुनर स्थित बंधुआ मजदूर और अन्य कमजोर समूह के लिए राज्यों को ऐसी रणनीति विकसित करनी होगी जो विशेष समूह की पहचान कर राज्यों को रणनीति बनानी होगी

आवेदन प्रक्रिया

 दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना का अगर आप लाभ उठाना चाहते हैं तो इसके आवेदन की प्रक्रिया को भी अच्छी तरीके से जान लें। इच्छुक पात्र व्यक्ति लिंक के माध्यम से निकटतम स्व  नामांकन पर जाएं

  • पंजीकरण के प्रकार को  सिलेक्ट करें(  नया पंजीकरण/  अपूर्ण/ पंजीकृत)
  •  एसईसीसी विवरण को भरें
  •  अपना  एड्रेस भरें
  •  व्यक्तिगत जानकारी को सही सही भरें
  •  प्रशिक्षण कार्यक्रम विवरण को ध्यान पूर्वक भरें
  •  किसी विशेष क्षेत्र के लिए उम्मीदवारों  की पसंद को भी भर सकते हैं
  •  आवेदन पत्र को जमा कर दें

आवश्यक  दस्तावेज

 दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण योजना  के नामांकन के लिए आपको निम्न दस्तावेज की आवश्यकता पड़ सकती है

  1. ड्राइविंग लाइसेंस
  2.  बीपीएल कार्ड
  3.  मनरेगा कार्ड
  4.  एन आर एल एम-  एस एच  पहचान पत्र
  5.  बीपीएल कार्ड पीडीएस कार्ड या अंत्योदय अन्न योजना कार्ड
  6.   पीआई पी
  7.  मतदाता पहचान पत्र

 क्या इस योजना का लाभ कोई ट्रांसजेंडर उठा सकता है?

 दीनदयाल उपाध्याय ग्रामीण कौशल योजना के अंतर्गत ट्रांसजेंडर भी आवेदन के पात्र माने गए हैं ।

क्या इस योजना का लाभ कोई ट्रांसजेंडर उठा सकता है?

इस योजना के लिए कोई विशेष आयु की सीमा निर्धारित नहीं की गई है हां लेकिन गरीबी की पहचान आवश्यक है जोकि  एन आर एल एम रणनीति के तहत निर्धारित की जाएगी।

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